एक युग का अंत होने जा रहा है! Microsoft ने घोषणा की है कि 5 मई 2025 को Skype को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया जाएगा, जो पिछले 22 सालों से वीडियो कॉलिंग और मैसेजिंग की दुनिया का हिस्सा रहा है। 2011 में 8.5 बिलियन डॉलर में खरीदा गया यह ऐप अब Microsoft Teams के पक्ष में हटाया जा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या Teams वाकई Skype की कमी को पूरा कर पाएगा? लाखों यूज़र्स जो Skype पर अपने दोस्तों, परिवार, और बिज़नेस कॉन्टैक्ट्स से जुड़े हैं, उनके लिए यह बदलाव कितना आसान या मुश्किल होगा? आइए, इस बड़े बदलाव की हर डिटेल को समझते हैं और जानते हैं कि आपके लिए आगे क्या ऑप्शन है!
Skype का अंत: क्यों लिया गया यह फैसला?
Microsoft ने 28 फरवरी 2025 को ऐलान किया कि Skype को 5 मई 2025 से बंद कर दिया जाएगा। इसके पीछे कारण है कंपनी का फोकस Microsoft Teams पर शिफ्ट करना, जो अब इसका मॉडर्न कम्युनिकेशन हब बन चुका है। Skype, जो 2003 में लॉन्च हुआ था, अपने समय का सबसे बड़ा VoIP (Voice over Internet Protocol) प्लेटफॉर्म था। इसकी लोकप्रियता ऐसी थी कि “Skype करना” एक आम शब्द बन गया था।
लेकिन पिछले कुछ सालों में WhatsApp, Zoom, और FaceTime जैसे ऐप्स ने इसकी चमक फीकी कर दी। Microsoft Teams, जो 2017 में लॉन्च हुआ, अब 320 मिलियन मंथली एक्टिव यूज़र्स के साथ कंपनी का नया चेहरा है। Skype के सिर्फ 36 मिलियन यूज़र्स (2023 डेटा) की तुलना में Teams का ग्रोथ चार गुना हो चुका है। Microsoft का मानना है कि Teams पर फोकस से इनोवेशन तेज़ होगा और यूज़र्स को बेहतर एक्सपीरियंस मिलेगा।
Skype से Teams तक: कैसे होगा ट्रांज़िशन?
Skype यूज़र्स के पास 5 मई तक का वक्त है कि वे अपने डेटा को माइग्रेट करें या अलविदा कहें। Microsoft ने इसे आसान बनाने के लिए कुछ ऑप्शन्स दिए हैं।
Teams में माइग्रेशन
- Skype क्रेडेंशियल्स का इस्तेमाल: मार्च 2025 से यूज़र्स अपने Skype अकाउंट से Teams में लॉगिन कर सकेंगे।
- डेटा ट्रांसफर: चैट्स, कॉन्टैक्ट्स, और कॉल हिस्ट्री ऑटोमैटिकली Teams में मूव हो जाएगी।
- इंटरऑपरेबिलिटी: 5 मई तक Teams और Skype यूज़र्स एक-दूसरे से चैट और कॉल कर सकेंगे।
डेटा एक्सपोर्ट
- जो Teams नहीं यूज़ करना चाहते, वे Skype की वेबसाइट से अपनी चैट हिस्ट्री, कॉन्टैक्ट्स, और फाइल्स डाउनलोड कर सकते हैं। 31 दिसंबर 2025 के बाद यह डेटा डिलीट हो जाएगा।
Microsoft ने कहा है कि यह ट्रांज़िशन यूज़र्स के लिए “पिक अप व्हेयर यू लेफ्ट ऑफ” जितना आसान होगा। लेकिन क्या यह सचमुच इतना सीधा है?
Skype के खास फीचर्स जो Teams में नहीं मिलेंगे
Skype की सबसे बड़ी खासियत थी इसकी सादगी और टेलीफोनी फीचर्स। लेकिन Teams में कुछ चीज़ें बदल रही हैं।
- क्रेडिट और कॉलिंग: Skype से लैंडलाइन या मोबाइल नंबर पर कॉल करने की सुविधा Teams में नए यूज़र्स के लिए खत्म हो रही है। मौजूदा क्रेडिट और सब्सक्रिप्शन सिर्फ अगले रिन्यूअल तक यूज़ हो सकेंगे।
- सिंपल इंटरफेस: Skype का यूज़ करना आसान था, खासकर बुजुर्गों और नॉन-टेक यूज़र्स के लिए। Teams का बिज़नेस-ओरिएंटेड डिज़ाइन इसे जटिल बना सकता है।
कई यूज़र्स का मानना है कि Teams एक कॉर्पोरेट टूल है, जो Skype की पर्सनल टच को रिप्लेस नहीं कर सकता।
Microsoft Teams: क्या है इसमें खास?
Teams को Skype का रिप्लेसमेंट बनाने के लिए Microsoft ने इसे कई फीचर्स से लैस किया है। कुछ Microsoft Teams के कुछ खास फीचर्स:
- कोर फीचर्स: वन-ऑन-वन और ग्रुप कॉल्स, मैसेजिंग, फाइल शेयरिंग—ये सब Skype जैसे ही हैं।
- एक्स्ट्रा बेनिफिट्स: मीटिंग होस्टिंग, कैलेंडर मैनेजमेंट, और कम्युनिटी बिल्डिंग फ्री में उपलब्ध।
- AI इंटीग्रेशन: हाल के अपडेट्स में Teams में AI टूल्स जोड़े गए हैं, जो प्रोडक्टिविटी बढ़ाते हैं।
Teams का कंज्यूमर वर्जन पिछले दो सालों में चार गुना कॉलिंग मिनट्स ग्रोथ के साथ तेज़ी से लोकप्रिय हुआ है। लेकिन क्या यह Skype की पर्सनल कनेक्शन की कमी को पूरा कर पाएगा?
यूज़र्स की प्रतिक्रिया: खुशी या नाराज़गी?
X पर यूज़र्स की मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। कुछ इसे एक ज़रूरी कदम मानते हैं, तो कुछ इसे बुरी खबर कह रहे हैं।
- एक यूज़र ने लिखा, “Skype मेरे लिए परिवार से जुड़ने का ज़रिया था। Teams इसे रिप्लेस नहीं कर सकता।”
- दूसरी ओर, एक ने कहा, “Teams पहले से बेहतर है। Skype पुराना पड़ गया था।”
खासकर भारत में, जहाँ Skype का यूज़ अभी भी पर्सनल और स्मॉल बिज़नेस कॉल्स के लिए होता है, यूज़र्स को नई आदत डालनी होगी।
भारत में Skype का भविष्य और ऑप्शन्स
भारत में Skype के लाखों यूज़र्स हैं, जो इसे वीडियो कॉलिंग और इंटरनेशनल चैट के लिए यूज़ करते हैं। 5 मई के बाद उनके पास दो रास्ते हैं:
- Teams अपनाएँ: Microsoft की गाइड के साथ इसे डाउनलोड करें और Skype क्रेडेंशियल्स से लॉगिन करें।
- अल्टरनेटिव्स: Zoom, WhatsApp, Google Meet, या Discord जैसे ऐप्स भी बढ़िया ऑप्शन्स हैं।
भारत में लॉन्च के बाद Teams का फ्री वर्जन कितना हिट होगा, यह देखना बाकी है।
निष्कर्ष
5 मई 2025 को Skype का रिंग अंतिम बार बजेगा, और इसके साथ एक यादगार टेक कहानी खत्म होगी। Microsoft Teams इसे रिप्लेस करने की कोशिश में है, लेकिन इसकी सादगी और पर्सनल टच को दोहराना आसान नहीं होगा। अगर आप Skype यूज़र हैं, तो अभी से अपने डेटा को माइग्रेट करने या नया प्लान बनाने का वक्त है। क्या Teams वाकई इसकी कमी पूरी कर पाएगा? इसका जवाब वक्त ही देगा। तब तक, आप ऐसी ही लैटस्ट टेक न्यूज हिन्दी मे पाने के लिए tech24.news पर विज़िट करते रहें!